Saturday 23 March 2019

जी भर जी ले

सच कड़वा होता है जरूर
फिर भी सच तो सच ही होता है
लोग सुनना पसंद नहीं करते
झूठ तो झूठ ही होता है
उसका सिर पैर नहीं होता
सच को छिपाने के लिए झूठ पर झूठ
सब जानते हैं इसे
पर सच को स्वीकार करने से डरते हैं
जिंदगी का एक अटल सत्य है मृत्यु
पर सब उससे कतराते हैं
आएगी कब दबे पैर
साथ ले जाएगी अपने
यह तो कोई नहीं जानता
जबकि जिंदगी हर क्षण मुस्कराती है
हर कोई जीना चाहता है
सब उससे प्यार करते हैं
वह अनिश्चित है फिर भी
कड़वे सच से अच्छा
मीठा झूठ ही सही
जब तक कि किसी की हानि न हो
किसी का दिल न दूखे
जितनी है जी ले
मृत्यु के इंतजार मे उसका मजा क्यों फीका हो
झूठ ही सही
चार दिन की ही सही
पर जब तक है
उसे जी भर जी ले

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