Thursday 27 June 2019

अलविदा

आज याद आ रहा है वह शादी समारोह
मुझे बिटिया की शादी में दिया गया था
मैं किसी के मायके के साथ ससुराल आया था
बडा घर था
मुझे भी आलीशान कमरा मिला था
सब फर्नीचर थे
पर मेरी अहमियत खास थी
मैं उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया था
उसके बाद दो नन्हे मुन्ने भी मुझे भाने लगे
पूरा दिन धमा चौकडी
कूदना ,उछलना
मेरी बिटिया रानी अब माँ बन गई थी
समय गुजर रहा था
बच्चों की किलकारियां अब कम हो गई थी
उनके अपने कमरे थे
धीरे-धीरे वे भी बडे हो गए
उनकी भी शादी ब्याह हो गए
वक्त भाग रहा था
बिटिया रानी के साथ मेरी भी उम्र बढ रही थी
अब मै नागवार गुजर रहा था
बहुत जगह घेर रहा था
इतनी बडे बेड की क्या जरूरत
इसे बेच दो
अब पुराना हो गया है
छोटे कमरे में माँ को शिफ्ट करना है
उसमे यह नहीं आएगा
आखिरकार वह भी दिन आ गया
मुझे बाहर कर दिया
टेम्पो  पर लाद कर जा रहा था
जाते समय बिटिया रानी ने बडे प्यार से हाथ फेरा
धुंधली और पनियाली नजरों से मुझे देख रही थी
बिदा कर रही थी
मानो कह रही थी
अलविदा

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