Monday 30 September 2019

नहीं भूले

हम तो भूले ही नहीं
यादों के झरोखे से रखा है
जब जरा गर्दन झुकाई
तुम याद आ गए
तुम्हारे वह झुमके
खनकती हंसी की झनकार
वह घुंघराले बालों की लटा
वह हाथ जोड़ ईश्वर का ध्यान करना
वह सरपट दौड़ना
पसीने पोछते हुए दो मिनट थमना
फिर ऊपर नीचे की दौड़ भाग
बाय बाय करते जाना
वह लम्हा कहाँ भूलेगा
तुम्हारे गाने की धुन
इन भूली बिसरी यादों में समाई
भूलना संभव नहीं
जिससे मन जुड़ा हो
यह नाता तो दिलों का है
जब तक जिंदगी है
तब तक याद भी है

No comments:

Post a Comment