Tuesday 1 October 2019

मिलो जुलो और दिल के ताले खोलो

मिलों जुलो और दिल के ताले खोलो
चुप्पी का कोई अर्थ नहीं है यारों
जम कर गले मिलो
जी भर कर बतियाओ
तेरा मेरा छोड़ सबको मन से अपनाओ
रूठो को मनाओ
अपनों को पास लाओ
गलती को नजरअंदाज करो
सबको माफ करो
न स्वयं को कोसो न किसी और को
कुछ बातों को हंस कर टाल दो
वाणी में मिठास भरो
गुस्सा छोड़ो
मुस्कान बिखेरो
यहाँ कोई नहीं बेगाना
सब है ईश्वर की संतान
क्या लेना और क्या देना
खाली हाथ ही जाना
सब कुछ यही रह जाना है
कुछ याद कुछ काम कुछ नाम
लोगों के जेहन में
जी भर कर जीओ
जिंदगी के लुत्फ उठाओ
कुछ कर के जाओ
किसी की खुशियों में समाओ
किसी के दुख का भागीदार बनो
किसी पर ममता की बौछार करो
प्रेम और करूणा को हथियार बनाओ
अपनों को क्या परायो को भी पास लाओ
मिलो जुलो और दिल के ताले खोलो

No comments:

Post a Comment