Wednesday 30 October 2019

बख्श दे इंसान को

टीका भी है धर्म का
टोपी भी है धर्म की
दोनों ही का स्थान सर पर
जहाँ बुद्धि का निवास
तब भी इतनी संकीर्ण सोच
पता है कि यह सब बेमानी है
असली धर्म तो इंसानियत है
व्यक्ति का ईमान है
यह सब तो प्रतीक बनाया हुआ है
वह भी इंसानी दिमाग की
यह उपज उसी की देन है
कब इससे ऊपर उठेगा
हर चीज को बाँटा जा रहा है
भगवान को तो पहले ही बाँट रखा है
इंसान को तो बख्श दिया जाए

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