Tuesday 24 March 2020

क्या करेंगा करोना

कुछ हो चाहे जाय
पर यह बात तो है
देशवासी अपने प्रधानमंत्री को कितना चाहते हैं
सबने उनकी बात मानी
पर शायद जो सोचा था
वैसा हुआ नहीं
मोदीजी ने भी नहीं सोचा होगा
जनता इस तरह से करेंगी
ढोल ताशे और गरबा करेंगी
यही वोट देनेवाली जनता भी है
वह कब क्या करने वाली है
यह सबकी समझ से बाहर
यह भारत का लोकतंत्र है
किस तरह समझाना
यह भी सीखना होगा
कहा कुछ करा कुछ
कर्फ्यू की ऐसी की तैसी
थाली बजी ताली बजी
जयघोष हुआ
चीन को कोसा
करोना को गो कहा
सबने समझ लिया
करोना सचमुच भागा
करोना भागा
ऐसे नहीं चलेगा
जब लाठी बजेगी
डंडे पडेंगे
तब जाकर कुछ असर होगा
ढम ढमा ढम बिना
कोई उत्सव पूरा नहीं
तब इन पर ढम ढमा ढम हो
तब कुछ बात बने
पुलिस और प्रशासन कठोर बने
बहुत धज्जियां उड़ाई इनकी
अब तो लाठी भांजे
तब जाकर यह मानेगे
डर जरूरी है
नहीं तो फिर
हर कोई यही कहेगा
मेरी मर्जी
मैं यह करू
मैं वह करू
चाहे जो करू
क्या करेंगा करोना
क्या करेंगा और कोई

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