Sunday 24 January 2021

महिला - पुरुष

अब मुझे डर नहीं लगता
किसी से बात करने में
उम्र जो हो गई है
साठ साल की
एक वक्त था
जब डर लगता था
किसी से बात करने में
अकेले रहना था
पति फोर्स वाले
न जाने कोई क्या सोच ले
निष्कर्ष निकाल ले
जिनका पति साथ में
वह कुछ भी पहने
किसी से भी बात करें
संदेह नहीं
पर अविवाहित महिला
परित्यक्ता
विधवा
विभक्त
यह नहीं रह सकते
समाज की सोच
कितना भी आधुनिक हो जाएं
बदलना इतना आसान नहीं
महिला - पुरुष की मित्रता
हमेशा संदेह के घेरे में
मन साफ
चरित्र साफ
फिर भी डर
कहीं न कहीं पुरूष हावी है
हर युग में रहा है
भेद भाव कम जरूर
खत्म नहीं हुआ है

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