Sunday 24 January 2021

हारना मेरी फितरत नहीं

हारना मेरी फितरत नहीं
चट्टानों को तोड़ने का माद्दा रखता हूँ
बाढ और तूफानों से टकराने का माद्दा रखता हूँ
सूखे में भी फूल खिलाने का माद्दा रखता हूँ
अटल और मजबूत इरादे रखता हूँ
डरता नहीं हौसला रखता हूँ
आज नहीं तो कल ही सही
जीत तो मेरे हिस्से में आएंगी
हार से घबराता नहीं
कदम पीछे खींचता नहीं
जो ठान लिया
वह तो करके ही छोड़ता हूँ
जिंदगी से हर पल जंग लडता हूँ
लडाई मेरी है
लडना भी मुझे ही है
नहीं किसी का सहारा
अपने बल पर  भरोसा करता हूँ
नहीं किसी पर निर्भर रहना
अपने दम पर कुलांचे भरता हूँ
जो करना है वह करता हूँ
हारना मेरी फितरत नहीं

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