Sunday 26 September 2021

अपना फेसबुक बहुत बढिया है

अजनबियों का घेरा है
तब भी फेसबुक लगता प्यारा है
अंजाने लोग जब दाद देते हैं
किसी पंक्ति पर लाइक और कंमेट करते हैं
दुख में सहानुभूति और सुख में खुशी जताते हैं
पास - पास नहीं हैं
फिर भी सबको पास ले आते हैं
मन की भावनाओं को व्यक्त करते हैं
कुछ कविता - कहानियां गढते हैं
कुछ तो लोग देखेंगे
कुछ तो पढेंगे
यह जान मन को सुकून मिलता है
अपने जो छूट गए
अपने जो भूल गए
फिर उनकी याद दिलाता है
कही - अनकही न जाने कितनी बातें कह जाता है
सबको एक मंच पर ला खड़ा कर देता है
सुबह-सुबह गुलाब के फूलों और भगवान की फोटों के साथ
रात को चंद्रमा की चांदनी के साथ
गुड मार्निग और गुड नाइट बहुत भाता है
किसी अपने की उपलब्धि का बयान करता है
किसी का जन्मदिन तो किसी की मैरिज एनवर्सरी मनाता है
पहाड़ की वादियों के दर्शन के साथ-साथ सारी दुनिया की सैर कराता है
सुस्वादु व्यंजन और नए-नए फैशन - कपडे की झांकी दिखाता है
यह अमीर - गरीब का अंतर मिटाता है
सबको मौका देता है
जो चाहे प्रस्तुत करों
जैसा करों
कोई प्रतिबंध नहीं
ज्ञान की बातें बताता है
समाचार भी सुनाता है
क्या  - क्या गिनाए
न जाने कितनी खुबिया है इसमें
बस बटोरना है
फेसबुक से जुड़े रहना है
कह सकते हैं
अरे फेसबुक अपना है तभी तो बहुत बढिया है ।

No comments:

Post a Comment