Wednesday 21 September 2022

अलविदा राजू श्रीवास्तव

एक हंसी का अध्याय समाप्त हो गया
मशहूर कामेडियन राजू श्रीवास्तव दुनिया को अलविदा कह गए 
साधारण सा चेहरा मोहरा नहीं था किसी से अंजान
एक अपनापन सा लगता था
हास्य की दुनिया का गजोधर क्या खूब हंसाता था
गुदगुदी कर जाता था दिलों में 
रोना और रूलाना आसान है
हंसना और हंसाना बहुत मुश्किल है
किसी के होठों पर हंसी लाना आज के युग की जरूरत है 
न जाने कितने दिनों से अस्पताल में थे
लगता था अब उठ जाएंगे और फिर महफिल सजाने लगेंगे 
लोगों को हंसाने लगेंगे 
वक्त के आगे किसी की नहीं चलती
ईश्वर का निर्णय है
सबसे बडा तो ऊपरवाले का हुक्म है
वह जिसको चाहे रुलाए या फिर हंसाए 
हंसाने वाला आज सबको रूलाकर चला गया 
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे 

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