Wednesday 21 September 2022

विनाश और निर्माण

बिना विनाश के निर्माण नहीं होता
जर्जर ईमारत जब गिरती है तब वहाँ नई ईमारत तैयार होती है
प्रलय के बाद फिर नई सृष्टि की रचना
प्रकृति का यह नियम है
सृजन बिना कारण नहीं होता
चल रहा है तब तक चलने दो
यह सामान्य आदमी की फितरत है
जब अति होती है तब क्रांति होती है
पाप जब बढता है
धर्म की हानि होती है तभी ईश्वर का अवतरण होता है
यह बात सब पर लागू
सरकारें भी इसका प्रमाण है
सत्ता का उलट - पलट तभी होता है जब सरकार निरंकुश हो जाती है
जहाँ दमन की अधिकता युद्ध वही से शुरू होता है
परिवर्तन की चाहत होती है
स्वतंत्रता की चाहत होती है
कुछ न कुछ नया करना 
वह तभी संभव जब पुराने को छोड़ना 
कपडे हो मकान हो या और कुछ। 

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