Wednesday 19 October 2022

नासूर मत बनने दो

एक कील उभर आई थी चेहरे पर
जब हाथ लगाती तब हाथ उसी पर जाता
टोच रही थी
चुभ रही थी
पीली पीली हो गई थी
मवाद भर गया था
न जाने कितने दिनों से परेशान कर रही थी
अब तक फोडा नहीं कि दाग पड जाएंगा
आज अचानक हिम्मत कर उसे दबा दिया
फूट कर बह गई
अब थोड़ा निशान तो रह ही जाएंगा
कोई बात नहीं 
उस टुचन से तो छुटकारा मिला

यही बात रिश्ते में भी होती है
कभी-कभी वह तकलीफ देने लगता है
आपकी कदर कम होने लगती है
जब तक संभाल सको तब तक संभाल लो
नहीं तो छोड़ दो
अपने जीवन का फोडा मत बनने दो
जबरदस्ती बेमन से निभाना
यह तो जीवन को परेशान कर देंगे
निकल जाइए तभी ठीक होगा
समय रहते घाव को नहीं फोडा
तब वह नासूर बन जाएंगा

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