Wednesday 19 October 2022

विश्वास

विश्वास जिस पर किया जाता है
उस पर ऑख मूंद कर 
जब वही शख्स विश्वास घात करता है
तब यकीन नहीं होता
परन्तु करना पडता है 
जब सच पता चलता है
तब तो वह बहुत तकलीफ दायक 
हो सकता है
वह माफी मांग ले
भविष्य में वह सब फिर से न दोहराए 
यह मन है जो एक बार उतर गया सो उतर गया
लाख कोशिश हो फिर भी वह पहले जैसी बात नहीं 
माफ किया जा सकता है
विश्वास नहीं 
यह बार बार नहीं होता
दिल का मामला है
जिसके साथ विश्वासघात हुआ है
उसे शायद ज्यादा फर्क न पडे
जिसने किया है 
उसको जरूर फर्क पडता है
वह एक अनमोल चीज जिसका नाम विश्वास 
वह खो चुका होता है
भरोसेमंद नहीं  होता 
एक पतली सी लकीर बीच में आ जाती है
जो मिटाएं नहीं मिटती ।

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