Friday 11 November 2022

अपने

सबसे लडा जा सकता है
बस अपनों से नहीं 
बहुत तकलीफ देह होता है
जब अपने रूठ जाते हैं 
बातचीत बंद कर देते हैं 
तब ऐसा लगता है
बर्दाश्त क्यों नहीं कर लिया
सह क्यों नहीं लिया
क्या जरूरत थी विवाद करने की
किसी का कहा हुआ 
सत्य ही है
 दूसरों का बर्दाश्त कर लिया 
तब अपनों का बर्दाश्त करने में क्या हर्ज है
अपने तो अपने ही होते हैं 

No comments:

Post a Comment