Sunday 17 March 2024

वह भी एक दौर

गुजरे जमाने को याद करें 
क्या इतना बुरा था
जितना हम सोचते हैं 
हर दौर का एक अपना फसाना होता है
एक अपनी कहानी होती है
जीने का एक तरीका होता है
अफसोस की बात ही क्या 
उस दौर को भी देखा है हमने
इस दौर को भी देख रहे हैं 
बहुत कुछ प्यारा था वह भी
तब हम किसी की जान थे
आज हमारी जान किसी में बसती है
यह फर्क तो बस पीढ़ियों का है 


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