Friday 31 May 2024

हम है अनाड़ी

आज फिर याद आई आपकी
यादों के खजाने में आप ही तो भरे पड़े हैं 
आपने ही सिखाया 
आपने ही जिलाया 
आपने ही खिलाया 
जब - जब सोचा 
अब कुछ नहीं होगा 
तब चमत्कार हुआ
एक जीने की आस जगी 
एक कमजोर आदमी में मजबूत दिल देखा 
एक मजबूत दिल में कमजोर आदमी देखा 
यह दुनिया कभी रास न आई
तब भी बड़े आराम से जीया 
अपनी शर्तों पर जीया 
जमाने से एक कदम आगे बढ़कर जीया 
अच्छे का भी गुजारा होता है
बुरा बनने की जरूरत नहीं 
आसान नहीं पर मुश्किल भी नहीं 
यह गीत तब सुना था याद आज आ रहा है
सब कुछ सीखा हमने 
न सीखा होशियारी 
कहते दुनिया वाले कि हम है अनाड़ी 

No comments:

Post a Comment