रह - रहकर ख्याल आता
ख्वाब पूरे होंगे क्या
अनंत ख्वाहिशे जिंदगी की
पूरी होती हो ऐसा भी तो नहीं
तब फिर क्या
देखना छोड़ दे
यह भी संभव नहीं
ख्वाब और ख्वाहिश के साथ ही तो मजा
जहाँ वह नहीं वहाँ जिंदगी कहाँ
अपने लिए अपनों के लिए
देखना है
पूरा करने की कोशिश करते रहना है
कुछ होगी कुछ नहीं होगी
हर्ज ही क्या है
कुछ नहीं से कुछ ही सही
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