Friday 23 October 2020

यह तो कोई जिंदगी नहीं हुई बाॅस

डर कर जीना
भी कोई जीना है
यह हुआ तो
वह हुआ तो
फिर क्या होगा ??
निभाएँ जा रहे हैं
बोझिल संबंधों को
पडोसियों को
सह कारियों को
जवाब नहीं देना है
मजाक उड़ता है तो उडने दो
कोई शरीर में छेद तो नहीं हो जाएंगा
शरीर में छेद हो न हो
मन अवश्य व्यथित होता है
सह लेंगे तो क्या हो जाएंगा
इसी में जिंदगी गुजर जाती है
छोड़ो यार
मारों गोली
अपनी मर्जी से जीओ
जहाँ खुला और स्वच्छ आकाश नहीं
उसकी छाया में तो दम घुट जाएंगा
अपने आप भर भरोसा रखो
ईश्वर पर भरोसा रखो
जबरदस्ती निभाना
गलत को भी स्वीकारना
हाँ में हाँ मिलाना
अपना जमीर को गिरवी रखना
हमेशा ऑख नीची रखना
यह तो कोई जिंदगी नहीं हुई बाॅस

No comments:

Post a Comment