Thursday 26 November 2020

केक और मेरी औकात

उनके घर में बच्चे का जन्मदिन था
खूब तैयारी की थी
सजावट भी गुब्बारे से
न जाने कितनी फूल - पत्तियों से घर सजाया था
बडा सा केक आया था
कमला सब काम कर चली गई थी
संझा समय जन्मदिन मना धूमधाम से
केक कटे
पिज्जा , बर्गर की पार्टी
बच्चा खुश
उसके दोस्त खुश
बच्चों ने कुछ खाया कुछ छोड़ा
यह फेंकना क्यों ??
प्लेट से निकालकर इकठ्ठा किया
उसको क्या पता चलेगा
अच्छी तरह से प्लास्टिक के डब्बे में रख दिया
कल कमला बाई आएगी तो दे दूंगी
खुश हो जाएंगी
घर ले जाएंगी
कहाँ से उसके बच्चों को इतना मंहगा केक मिलेंगा

आज इतनी देर लगा दी बाई
कहाँ रह गई थी
केक लेने गई थी मेमसाब
कल बाबा का जन्मदिन था
आज मेरे छोटे का भी है
अब हम लोग गरीब
बडा तो केक ले नहीं सकते
यह छोटा लाई हूँ
उसी बेकरी से जहाँ से आप लाती है
एक अपने लिए
एक आपके लिए
एकदम फ्रेश है
आप लोग जरूर खाना
मेरे छोटे को आशीर्वाद देना
वह भी पढ लिखकर आप लोग जैसा बडा आदमी बनें

हाथ से केक का डिब्बा लेते हुए मैं सकुचा गई
इस गरीब का दिल
एक मेरा दिल
टेबल पर रखा हुआ
वह जूठे इकठ्ठे किए  हुए केक का डिब्बा मुझे चिढा रहा था
मेरी औकात बता रहा था

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