Friday 11 January 2019

महिला है महान है

महिला है पर कमजोर नहीं
आज ही नहीं सदियों से
यह बात जरूर है
उसे कम आंका गया
पुरूष का दंभ था यह
वह मानने को तैयार ही नहीं था
पर जानता भलीभांति था
यह न रही तो कुछ भी नहीं
इसे स्वतंत्रता दे देंगे
यह सर चढ़कर बोलेगी
वह यह चाहता नहीं था
अपने नियंत्रण मे रखना था
पंख उसका था
उड़ान नहीं भरना था
सब कुछ वह करती
घर - बच्चे संभालती
स्वामी यह बनता
बच्चे और घर इसका कहलाता
उसकी ताकत का अंदाजा था
तभी दबाकर रखा
उभरने नहीं दिया
अगर उसे स्वतंत्रता मिलती
इनका असतित्व खतरे में पड़ जाता
महिला है
कमजोर नहीं
उसकी शक्ति पर विश्वास करो
वह जननी है
जगनिर्मात्री है
घरनी है
परिवार की धुरी है
पुरूष की साथी है
संसार उसी से चलता
वह महान है
क्योंकि वह महिला है

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