Monday 30 December 2019

हम है भारतवासी

यह भी प्यारा
वह भी प्यारा
यह भी दोस्त
वह भी दोस्त
यह भी पडोसी
वह भी पडोसी
यह भी रिश्तेदार
वह भी रिश्तेदार
यह सब अपने
फिर अपना पराया क्यों ?
देश भी मेरा
देशवासी भी मेरे
हर धर्म समभाव
हर भेदभाव के परे
जाति और संप्रदाय से हटकर
सब हमारे
हम उनके
आज का नहीं
बहुत पुराना संबंध है
प्रगाढ़ है
इनको किसी बंधन में नहीं बांधा जा सकता
ये चले आ रहे हैं
वैसे ही चलते रहेंगे
हर कोई स्वतंत्र है
हर किसी के पास अधिकार
क्योंकि सब बातें तो  होती रहेगी
पर उसमें एक खास बात यह है
जो हमको बांधती है
वह है हम भारतवासी

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