Tuesday 31 December 2019

अलविदा दोस्तों ,मैं जरूर याद आऊंगा

आज साल का आखिरी दिन
बिदा ले रहा है
बहुत कुछ देकर जा रहा है
बहुत कुछ सिखा कर जा रहा है
कुछ मुस्कान देकर जा रहा है
कुछ चेतावनी देकर जा रहा है
मानो कह रहा हो
जो मेरे बस में था वह दिया मैंने
ऐसा नहीं कि झोली खाली ही रखी
जब जा रहा हूँ
तब कुछ देकर जा रहा हूँ
कुछ सपने पूरे हुए
कुछ सपने दे जा रहा हूँ
जाना तो है ही
कोई चिरस्थायी नहीं यहाँ
पर यादों में जरूर रहूँगा
जब जब कुछ घटना याद आएगी
साथ में मैं भी तो याद आऊंगा
अपने आप जुबां से निकलेगा
फलाने साल यह हुआ था
सालों में ही तो सिमटा जीवन है
हर साल की अपनी एक नयी कहानी
उसी मे बचपन ,यौवन और वृद्धावस्था
हर की अपनी एक कहानी
हर रोज की एक नयी कहानी
हम सब याद करते रहते हैं
तब मैं भी जरूर याद आऊंगा
कुछ खास बात तो मुझमें भी होगी
जो बाद में आपको मुझे याद करने पर मजबूर कर दे

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