Tuesday 23 June 2020

मैं दौड़ी दौड़ी चली आती

मैं यहाँ तू वहाँ
बीच में सारा जहां
किस किसको जवाब दूं
किस किसको समझाऊँ
मेरा दिल अब भी है
तेरे लिए धडकता
तू तो चला गया
मुझे पीछे छोड़ गया
कुछ जज्बातो के साथ
कुछ यादों के साथ
जो जेहन में अभी भी है
तुम खो गए
रूपहली दुनिया में
एक कदम आगे बढ गए
मेरा साथ छोड़
तुमको नए साथी
नए हमदर्द मिले
तुम खो गए अपनी दुनिया में
किसको बताती
किससे गिले शिकवा करती
जब समझने वाला ही समझ न पाया
मुझे बीच राह में अकेला छोड़ दिया
मैं भी क्या करती
अपने को संभाला
जो इतना आसान नहीं था
नई राह तलाश कर ली
पुराने को भूला आगे बढ ली
पर सोचा न था
तुम इतना बडा कदम उठाओगे
दुनिया ही छोड़ जाओगे
एक आवाज तो दी होती
दिल से पुकारा तो होता
मैं दौड़ी दौड़ी चली आती

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