Friday 22 January 2021

वह हमारा ग्रुप था

वह ग्रुप था हमारा
सालों का साथ था
यह ऑफिसियल ग्रुप था
बाहर के लोग को नहीं अलाऊ था
सबकी बातें शेयर होती थी
हर एक का जन्मदिन
अचीवमेंट
पाठशाला का हर मैसेंज
उनके बच्चों की
विद्यालय के बच्चों की
न चाहते हुए
या चाहते हुए
सब उससे जुड़े थे
एक स्कूल परिवार था
जानकारी सबको चाहिए थी
एक अटूट नाता था
बिना जोड़े जुड़ा था
अचानक रिटायरमेंट की बेला आई
रिटायर होते ही इस ग्रुप से भी नाता तोड़ना था
क्योकि यह प्रोटोकॉल है
ऑफिसियल आखिर ऑफिसियल है
बाहर के लोग का आगमन मना है
हम भी बाहर हो गए
समझदारी भी इसी में थी
किसी के कहने से पहले
पर ग्रुप से निकलने पर भी नाता नहीं टूटता
हर सुबह याद आती है
अब सबको ढूंढना पडता है
कौन कहाँ है
किसका जन्मदिन है
मैरिज एनवर्सरी है
हमारी याददाश्त तो ज्यादा नहीं है
हिसाब - किताब में जरा कमतर है
तब सब एक ही में थे
उनको शायद यह महसूस नहीं हो
वे तो अब भी जुड़े हुए हैं
निकले तो हम
निकलते हुए थोड़ा दुख तो हुआ था
अचानक कैसे बेगाने हो जाते हैं
बरसों का नाता पल में टूट जाता है

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