Friday 21 November 2014

बाबाओ के मायाजाल को पनपने के पहले ही ख़त्म कर दिया जाए।

आजकल हरयाणा के हिसार का दृश्य देखकर गर्दन शर्म से झुक जाती है,
इस इसकीसवी सदी में भी हम इन तथा कथित  बाबाओ के चंगुल से मुक्त नहीं हो पाए है,
एक बड़ी भीड़ जुटाने की शक्ति इन बाबाओ के हाथ में है,
इनके अनुयायिओं की संख्या को देख शायद नेता भी अपना वोट बैंक समझ कर इनकी स्तुति करते है।

यह बाबा और आश्रम रातो - रात तो खड़े नहीं हुए,
पुलिस, प्रशाशन, सरकार क्या कर रही थी ?
क्यों नहीं इनके मायाजाल को पनपने के पहले ही नष्ट कर दिया,
यह केवल एक बाबा नहीं ऐसे न जाने कितने ही बाबा विद्यमान है,
जिनपर तुरंत कार्यवाही करने की जरूरत है।
नहीं तो बाद में यह पुलिस, प्रशाशन, सरकार और जनता की मुसीबत बन जायेंगे।


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