Tuesday 6 January 2015

दूसरों के घर में ताकझाक करने की आदत छोड़ो।

पड़ोस में एक वृदध की मौत हुई, हम संवेदना जताने उनके घर गए,
थोड़ी इधर - उधर की पूछताछ के बाद, वह हमारे बारे में ही पूछताछ करने लगी।

लड़का क्या करता है, लड़की की शादी कब होगी, कल कहाँ गए थे, नीचे क्यों बैठे थे,
मैंने सोचा की यह दुःख मना रहे है या दुसरो की पूछताछ कर रहे है,
अविचलित मन से वहाँ से निकली।

सोचने लगी की लोग अपनी चिंता छोड़ दूसरों की चिंता ज्यादा करते है।


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