Friday 2 February 2018

हे सखी , जीना मत छोड

हे सखी
संसार की ओर हरदिन  नई  दृृ्ष्टि से देखना मत भूल
तुझे स्वतंत्र विचरण करना है
मुक्त रहना है
अपने लिए भी जीना है
तुझे निराश करनेवाले
अनेक क्षण आएगे
नीचे गिराने वाले , टॉग अडाने वाले भी
तुझे घबराना नही है
स्वतंत्र रूप से चलना है
आगे बढना है
तुझे अपनी स्वतंत्रता कायम रखनी है
तुझे जीना है , पंखों से उडान भरनी है
सब तेरी प्रशंसा करे
तेरे नाम को आगे करे
यह जरूरी नहीं
प्रशंसा पाना और प्रगति करना यह तो तेरा हक है
तुझे भी मन है , इसका भी विचार कर
मानसिकता को बदलने का प्रयत्न कर
अपनी शक्ति को भूल मत
रोने का मन हो तो रो ले
लडना हो तो लड ले
रूदन में भी लडाई को याद रखना
तुझे किसी बात के प्रमाण की जरूरत नहीं
किसी के लिए वापस लौटना
इसकी जरूरत नहीं
ध्येय प्राप्ति के लिए आगे चलना मत भूलना
तुझे अपनी स्वतंत्रता कायम रखनी है
मुक्त विचरण करना है
हे सखी
इस बात को सदैव याद रखना .

No comments:

Post a Comment