Monday 21 October 2019

जिंदगी का मोड

आज वह मिली थी
जो हमारी क्लास की टापर थी
बचपन से ही देखा था
क्या रुतबा था
क्लास की मानीटर थी
कालेज और यूनिवर्सिटी में भी चर्चित थी
उसके बाद कुछ पता नहीं
सब अलग-अलग
कहीं कोई तो कहीं
आज ओपन डे था
बच्चों के पैरेन्टस को बुलाया था
कालेज स्टूडेंट थे
बंक कर लेक्चर घूमना आदत में शुमार
उनके पैरेन्टस को आगाह करना जरूरी
इसलिए ब्लेक लिस्ट लगाई जाती है अटेन्डेस कम हो तो
वह शैतान लडका अपनी मम्मी को ले आया था
चेहरा कुछ जाना पहचाना लगा
बातचीत से पता चला
वह कक्षा को वही पढाकू लडकी थी
पर आज उसकी पढाई धरी की धरी रह गई थी
वह हाउस वाइफ बन कर रह गई थी
मौका नहीं मिला
शादी ने सब सपने धराशायी कर दिया
कभी मैं उसको देखती थी
आज स्वयं को देख रही थी
मैं आज एक पद पर थी
मान सम्मान था
किसी पर निर्भर नहीं
तब लगा
जिंदगी कब कौन सा मोड ले
यह तो कहा नहीं जा सकता

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