Sunday 27 December 2020

आपके अपने

अपनों को मत छोड़ो
उनकी गलतियाँ नजरअंदाज करों
अगर नाराज है आप उनसे किसी बात पर
उन नजारों और खुशहाल पलों को याद कर ले
अपनी नजर में भर लें
उनके साथ का समय
वह हंसना - खिलखिलाना
वह मान - मनौवल
वह रूठना - मनाना
वह खाना - खिलाना
वह अपनापन जताना
कमियां उनमें हैं तो आप में भी तो होगी
कमी एक ढूंढोगे तब हजार मिल जाएंगी
आप संपूर्णता को मत ढूंढिए
अपनेपन और प्यार को महसूस कीजिये
अपनों को सब माफ होता है
आप अपने हैं
तब आप दूर कैसे हो सकते हैं
जो अपना है वहाँ पराया कहाँ से
दूर जो हो गए
यानि आपके तो वे थे ही नहीं
न आप उनके
जो अपना है
वह जैसा भी है
अपना ही है

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