Sunday 25 April 2021

जीवन एक इंद्रधनुष है

आज गम कल खुशी है
जीवन एक इंद्रधनुष है
न जाने कितने रंग समाए
हर रंग की अपनी एक कहानी है
कभी हंसता कभी रोता
यह समय के साथ बहता जाता
इसका न कोई ओर छोर
यह अपने आप एक पहेली है
कल क्या हो
यह कोई नहीं जानता
कब और कैसे
यह भी खबर नहीं
कब आसमान पर बादल छा जाय
कब छंट जाय
यह भी तो पता नहीं
घना कोहरा छाया हो
उसमें भी आशा की एक किरण
कब रंग धूमिल पड जाय
कब झिलमिल झिलमिल करने लगे
कब तारों की बारात निकले
कब चंदा की चाँदनी दूधिया रंग बिखेरे
कब सूरज की लालिमा जीवन को रास आ जाएं
कब बरखा रानी फुहारो की बरसात करें
तपती धरती को तृप्त करें
कब जीवन में इंद्रधनुषी छटा निखरे
यह कोई नहीं जानता
आज गम कल खुशी है
जीवन एक इंद्रधनुष है

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