Thursday 28 July 2022

धन्यवाद सोशल मीडिया

सोशल मीडिया है तो हम हैं 
यह आज की सबसे बड़ी जरूरत है
पहले परिवार साथ रहते थे
आसपास रहते थे
ग्रामीण संस्कृति थी
एक - दूसरे के सुख दुख में भागीदार
आज अपना घर औ गाँव छोड़ना पड रहा है
दूसरे शहर दूसरे देश जाना पड रहा है
रोजगार की तलाश में 
विकास के लिए 
तब अपनों से दूर 
बहुत मुश्किल है यह 
लेकिन शुक्रिया सोशल मीडिया का
उनका समाचार
उनसे बातचीत 
हो ही जाती है
दूर सुदूर में बैठे व्यक्ति के बारे में जान लेते हैं 
मन को खुशी और संतुष्टि मिलती है
अगर बात न भी हो
किसी न किसी तरह उनकी जानकारी मिल ही जाती है
मन कांप उठता है 
उस समय की बात सोचकर 
जब लोग केवल चिठ्ठी के माध्यम से खोज - खबर ले सकते थे
महीनों इंतजार करना पडता था
अपनों की सलामती की दुआ करते रहते थे
कोई पति से दूर
कोई बच्चों से दूर
कोई परिवार से दूर
गाँव- घर से दूर
इतना आसान नहीं था
जितना आज है
फेसबुक  , वट्सअप 
यह तो किसी वरदान से कम नहीं 
पहले कहते थे
दिल में है तस्वीर आपकी 
       जब जरा गर्दन झुकाई देख ली
अब तो
जब भी याद आए तुम्हारी 
फेसबुक और वट्सअप देख लो
मैसेज का आदान-प्रदान कर दो

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