Saturday 1 October 2022

कृष्ण 5

पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनामहं स्कन्द: सरसास्मि सागर :

हे अर्जुन! मुझे समस्त पुरोहितों में मुख्य पुरोहित बृहस्पति जानो। मैं ही समस्त सेनानायकों में कार्तिकेय हूँ 
और समस्त जलाशयों में समुद्र हूँ  ।

No comments:

Post a Comment