Tuesday 22 November 2022

यह पेट है

यह पेट है भाई 
है बडा पापी
सारी दुनिया इसी के इर्द-गिर्द 
यह न हो तो शायद कुछ भी नहीं 
जीव - जंतु हो या आदमी
पेट भरने की जरूरत सबकी
कभी यह भूखा रहता है
कभी बेहिसाब खाता है
सस्ते से सस्ता 
महंगे से मंहगा
आदमी तो जानवर बन जाता है 
न जाने क्या-क्या गुल खिलाता है यह पेट
जीवन का हवनकुंड  है यह 
यह कोई खाली डिब्बा नहीं 
जो इसे जब चाहे जैसे चाहो भरो
वही सामग्री पडे जिसकी इसे जरूरत है

No comments:

Post a Comment