Tuesday 25 April 2023

जननी - जन्मभूमि

जननी , 
जन्मभूमि स्वर्ग  से बढकर है
आज इन दोनों माता की उपेक्षा हो रही है
उनका शोषण हो रहा है
भावनिक , मानसिक  
दोहन हो रहा है पृथ्वी का
हम अपना लाभ देख रहे हैं 
Take for granted 
ले रहे हैं 
माता तो ममता से भरपूर है
सब न्योछावर कर रही है
 यह सोचने को जरूरत है
वह कितना देंगी 
वह भी तो खत्म हो रही है देते देते
हमारी लालसा समाप्त नहीं हो रही
माता का फर्ज है
हमारा नहीं है क्या??
यह हम क्यों भूल रहे हैं 
माता रौद्र रूप धारण कर ले
हमको छोड़ दे
तब कभी सोचा है
हर चीज सीमा में ठीक है
सीमा से बाहर नहीं 
यह बात इस पीढी के हर व्यक्ति को समझनी पडेगी
तभी जीवन कल्याणकारी और सुखद होगा ।

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