Friday 29 September 2023

एक वंश बिनु भइले हानि

एक वंश बिनु भइले हानि 
के देइ चुरवा भर पानि 
यह बात हम हमारी अम्मा के मुख से सुनते थे तब यह समझ नहीं आता था 
आज समझ आ रहा है
एक संतान के लिए न जाने क्या क्या यत्न किया जाता है
संतान प्राप्ति मानव को ईश्वर का सबसे बडा वरदान
एक हमारा ही अंश पृथ्वी पर
वह अंश केवल दो लोग का नहीं 
न जाने कितने पितरों के जीन्स ने और न जाने कितने हजारों सालों की यात्रा कर एक का जन्म 
तब तो सबका आभार मानना बनता है
आप कितने बहुमूल्य है यह भी पता चलता है 
श्राद्ध शुरू हो रहे हैं कल से 
हमारे पितरों को जल दिया जाता है 
कहा जाता है कि इन पन्द्रह दिनों में पितृ हमारे यहाँ पृथ्वी पर आते हैं 
स्वर्ग में रहते हुए भी उनकी जान यहीं उनकी संतानों में अटकी रहती है
संतान सुखी तो हम भी सुखी
माँ- बाप बनने के बाद अपनी खुशी ज्यादा मायने नहीं रखती 
बच्चों में ही ध्यान लगा रहता है
ऊपर वाले पितरों का भी यही हाल होगा शायद 
तभी महादेवी वर्मा ने कहा है
मुझे स्वर्ग का सुख नहीं चाहिए 
मुझे पृथ्वी पर ही रहने दो 
     रहने दो हे देव मेरा मिटने का अधिकार। 

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