Friday 12 April 2024

वाह ।क्या कहने

सुबह की कुनकुनी धूप हो
चिडियों की चहचहाहट हो
हाथ में एक चाय की प्याली हो
सामने अखबार की सुर्खिया हो
रेडियो पर रफी के गाने हो
जब सुबह ऐसी हो 
तब अपने आप ही निकले 
वाह । क्या कहने 

No comments:

Post a Comment