Saturday 28 November 2020

सुखी परिवार

मैं झूठ बोलती हूँ
बहुत कुछ छिपाती हूँ
इस तरह तुम लोगों को बचाती हूँ

बच्चों की गलती पर परदा डालना
पढाई में कम अंक आए तो छिपाना
फिल्म देखने और घूमने की इजाजत देना
चोरी छिपे पैसे देना
देर रात घर आए तो चुपके से दरवाजा खोल देना
यह तो हुई बच्चों की बात

अब तुम्हारी बात कर लें
तुम बात बात पर पर किच किच करों
बच्चों को कोसो
उनको घर से निकल जाने को कहो
कभी-कभी शराब पीकर आओ
मुझे कभी-कभी मार पीट दो
यह भी छिपाती  हूँ
पडोसियों से
रिश्तेदारो से
यहाँ तक कि घर वालों से भी

ताकि तुम्हारी साख बनी रहे
इज्जत बनी रहे
घर सुचारू रूप से चलता रहे
तुम्हारे और बच्चों में प्रेम बना रहें
इस खातिर झूठा बनना पडता है
अन्याय सहन करना पडता है
चुप रहना पडता है
मन को मारना पडता है
मन रोता है चेहरे पर मुस्कान रहती है
दिखावा करना पडता है
ताकि एक दूसरे में स्नेह और सम्मान बना रहे
यह सब करना पड़ता है
तब जाकर एक सुखी परिवार बनता है

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