Friday 30 June 2023

ट्रेन के मुसाफिर

ट्रेन में लटकते लोग
जान हथेली पर लेकर चलते लोग
यह ट्रेन समय पर पहुचाएगी 
अपनों से मिलाएगी 
इसी खुशी की आस में 
मन में सबसे मिलने की कल्पना 
यह होगा वह होगा
कहीं कल्पना न रह जाएं 
मिलने से पहले बिछड़  न जाएँ 
बडी कठिन परिस्थिति 
यह केवल दूर की यात्रा के लिए ही नहीं 
उनके लिए भी जो रोज काम निमित्त ट्रैवल करते हैं 
रोज जीते - मरते हैं 
सुबह अनिश्चित होकर निकले 
शाम को घर पहुँचे तब तक
उनके परिजन भी उनके इंतजार में 
सुबह होती है
शाम होती है 
जिंदगी यू ही तमाम होती है 

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