Sunday 1 February 2015

चापलुस से दूर रहना।


कड़वी नीम कड़वा करेला,
लेकिन दोनो गुणों से भपुर,
नीम कितनी भी कड़वी क्यों न हो सीतल छाह भी देती है।

करेला कितना भी कड़वा क्यों न हो स्वास्त के लिए लाभप्रद है। 
जिंदगी भी मीठे और कड़वे की तरह है,
अगर मीठा जहर है तो कड़वे को अपनाना ही ज्यादा बेहतर है। 
अतः मीठी छुरी मारने वाले व्यक्ति से कठोर और कड़वा बोलने वाला हितैषी से संबंध रखना अच्छा है। 


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