Thursday 21 February 2019

वर्तमान ही सत्य

बस स्टैंड पर खड़ी बस का इंतजार
पूछताछ करने पर पता लगा
अभी अभी गई है
बैचेनी बढ़ गई है
जो भी बस आ रही देख रही हूँ खड़े होकर
कहीं मेरी बस तो नहीं ??
जबकि वह अपने समय से ही आएगी
यही तो हम हमेशा करते हैं
हम जानते हैं
हर काम अपने समय से होगा
हम उतावले रहते हैं
परेशान होते रहते हैं
यह भी जानते हैं
कुछ हासिल नहीं होगा
धीरज रखें
पर हम तो इंसान है न
रातोंरात सब चाहिए
यह तो होने से रहा
यही हम गलती कर बैठते हैं
ताउम्र पछतावा भी होता है
और यह एक बार नहीं
हर बार होता है
हर पड़ाव पर होता है
फिर वह बस पकड़ने की बात हो
या और कुछ
उधेड़बुन मे जीते हैं
शांति नहीं अशांति मे रहते हैं
इंतजार करते है
भविष्य का सोचते हैं
लोग सोचते हैं
हम अतीत मे जीते हैं
जबकि सच यह है कि
हम भविष्य मे जीते हैं
ऐसा हो न जाय
यह डर हमें वर्तमान मे सताता रहता है
जबकि सत्य है तो केवल वर्तमान
हर पल
हर क्षण

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