Tuesday 28 April 2020

आज नहीं तो कल

आकाश आ जा मेरी बाहों मे
आज पैर जमीन पर
कल शायद इनकी उडान तुझ तक होगी
आंकाक्षा है गगन चूमने की
स्वप्न को साकार करने की
सपने बडे है
इच्छाओं का कोई अंत नहीं
मन में विश्वास है
आशा का संमुदर लहरा रहा है
आज नहीं तो कल
वह भी समय आएगा
जब आकाश मेरी मुठ्ठी में होगा

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