Sunday 12 April 2015

बीफ के मांस पर बंदी।


बीफ के मांस पर बैन, इसका परिणाम लाखो लोगो की रोजी - रोटी छीन जाना। 
चमड़ा उद्योग एवं चर्मकार को नुक्सान, धरम के नाम पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा पाबन्दी। 
भारत में सदियों से जानवरो का मांस खाया जाता रहा है। 

गरीब और पिछड़ा जो महंगा मांस नहीं खरीद सकता वह इनका प्रयोग करता रहा है। 
जब गाय दूध देने लायक नहीं रहती और बैल बूढ़ा हो जाता है, तो यही धर्म के ठेकेदार उनको बेच देते है। 

कभी - कभी बूख और बिमारी से भी यह मर जाते है,
कही यह किसी एक वर्ग को खुश करना तो नहीं ?

बीफ के मांस पर पाबन्दी लगाने के साथ - साथ उस व्यवसाय से जुड़े लोग, गरीब मजदूर,
पशुओ के रख - रखाव, उनकी देखभाल के लिए भी फड़नवीस सरकार ने कोई योजना बनाई है क्या ?

भावना में बहने के अपेक्षा सत्य और वास्तविक्ता को सरकार स्वीकार करे। 




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