Saturday 15 October 2016

आ गया पचास , अब तो कर लो आराम

पार कर गया पचास ,अब तो कर लिया जाय आराम
बहुत कर ली भागम - भाग
बस अब तो लगाई जाय ,उस पर लगाम
बचपन से भागते ही रहे
पढाई ,परिवार ,कर्तव्य का वजन उठाते - उठाते
आधी जिंदगी बीत गई
काम तो लगा ही रहेगा
जब तक जिंदगी चलती रहेगी
अब दूसरों पर उनकी जिंदगी छोड
अपनी भी मनमानी कर ली जाय
कुछ शौक जो रह गए अधूरे
उनको भी पूरा कर लिया जाय
धूल जम चुकी पुस्तकों को झाड पढ लिया जाय
अब तो न किसी का डर न संकोच
सब कुछ है अपने हाथ़
जी भर खरिदारी कर ली जाय
वैसे ही बीमारियॉ आ चुकी है
अब तो थोडा व्यायाम कर लिया जाय
बहुत दे चुके पेट को तकलीफ
अब उसको थोडा आराम दे दिया जाय.
हाथ- पैर दे रहे जवाब
अब तो टेक्सी को दरवाजे पर बुला लिया जाय
भगवान को कर लिया जाय याद
कुछ हँस लिया जाय
कुछ बच्चों जैसा बन लिया जाय
अब तक तो सबको किया सलाम
अब दूसरों से सलाम ले लिया जाय
अब तक तो लिया सबसे आशिर्वाद
अब खुद भी आशिर्वाद के लिए हाथ उठा लिया जाय
जिंदगी को मन भर कर जी लिया जाय
बचपन को याद कर बुढापे का भी स्वागत कर लिया जाय
कुछ गलतियॉ की है उनको भी सुधार लिया जाय
रूठे हुए अपनों को मना लिया जाय
जिंदगी फिर से जी ली जाय

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