Tuesday 16 April 2019

रिटायर्ड लाईफ

कैसी कट रही है रिटायर्ड लाईफ
यह सोचती हूँ
तब लगता है कि अच्छी ही है
वह भागमभाग तो नहीं
आराम है
सुबह उठना है
दैनिक दिनचर्या करना है
टहलना ,अखबार पढ़ना ,टेलीविजन देखना
आराम से खाना ,खाना
दोपहर को सोना
रिश्तेदार और परिजनों के यहाँ मौके पर जाना

यह सब तब भी होता था
पर परेशानी से
समय मिलता न मिलता
आज समय ही समय है
बच्चे बड़े हो गए हैं
तब उनके लिए समय नहीं था
आज उनके पास समय नहीं है
तब उनके साथ बतियाने का समय नहीं था
आज हम बात करना चाहते हैं
तब वे बिजी है
वह अमूल्य समय खो दिया है

पर यह सोचना क्यों??
कहीं पछतावा तो नहीं
घर -संसार को समय न दे पाने का
बच्चों और पति को समय न दे पाने का
स्वयं को समय न दे पाने का

यह सब केवल अपने लिए
नहीं ,परिवार के लिए
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए
उनके एज्युकेशन के लिए
उनके भविष्य के लिए
कुछ पाना है
हासिल करना है
तब उसका मूल्य तो चुकाना ही पड़ेगा
उसके लिए रिग्रेट क्यों ??

अब तो इस लाईफ को इंजाय करना है
समय का सदुपयोग करना है
जो नहीं कर पाया
उसे कर लिया जाय
रिटायर्ड लाईफ तो जी भर कर जी लिया जाय

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