Wednesday 24 June 2020

बेखबर रहना मे अपना मजा

बेखबर रहना
इसमें भी अपना मजा
सब खबर लेकर क्या करना
इसकी उसकी
फालतू के दिमाग की माथाफोडी
हम अखबार थोडे ही है
सारी खबर की जानकारी जरूरी हो
हमारा अपना काम चलता है न
हम सुकून से है न
बस और क्या करना है
इसमें - उसमें क्या रखा है
पहले पहल लगता था
हर चीज से बेखबर रहे
जो हो रहा होने दिए
सब ईश्वर की मर्जी
हम क्या कर सकते थे
अब लग रहा है
ठीक ही किया
जैसा चल रहा है
चलने दो
न भूत हाथ में
न भविष्य हाथ में
तब सोचकर
सचेत कर
दुख के सिवा कुछ नहीं
तब बेखबर ही रहे
जिंदगी स्वयं ही बिना खबर दिए
नित नए खेल दिखाती है
हर दिन आजमाती है
हम तो मूक दर्शक
कभी ध्यान रहा
कभी नहीं रहा
कभी दाद दी
कभी उदास हो लिए
बस वह अपना काम करती रही
हम बेखबर बने रहे

No comments:

Post a Comment