Thursday 10 June 2021

हाथी भाई हाथी भाई

हाथी भाई  हाथी भाई
तुम इतने भारी - भरकम
इतनी भारी खुराक
नहीं  चाहता दिल तुम्हारा
तुम भी डायटिंग करो
फुर्तीले  बनो
पर तुम  क्यों  सोचो
तुम तो अपनी मदमस्त चाल में  मगन
तुम्हें  नहीं कोई  फिकर
कौन क्या कहेंगा
सुंदर दिखने की इच्छा  नहीं  होती
हाथी हंसा और बोला
यह भारी - भरकम  शरीर  ही तो बल है मेरा
यह लंबी सूंड  ही शान है मेरी
यह कीमती दांत ही तो अनमोल है
मैं  जैसा हूँ  ठीक हूँ
मदमस्त चलता हूँ
मुझे  देख सब रास्ता  दे देते हैं
दुबला-पतला और फुर्तीला  नहीं  बनना है मुझको
मैं  सबसे अलग
सबसे यूनिक
बस लोगों  के  दिलों  में  रहता हूँ
जहाँ  जाता हूँ 
सम्मान  पाता  हूँ
बस यही बहुत  है  भाई

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