Wednesday 11 August 2021

शून्य

शून्य का एक अलग ही एहसास
अंकों के साथ जोड़ दो
कीमत बढ जाती है
भावना से जोड दो
तब महत्व कम हो जाता है
वह भावना शून्य है
बिना भावना तो मानव क्या पशु भी नहीं

शून्य  , शून्य  होता है
एक समय पर सब खत्म
बस शून्य ही रह जाता है
अंकों के आगे भी कितना शून्य
सौ , हजार ,लाख ,करोड ,अरब
कभी गिनती खत्म नहीं होती

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