Friday 26 May 2017

तुम ही हो सर्वशक्तिमान

हम तो नादान है प्रभु
सफलता की उँचाई पर पहुँचे तो लगा यह तो हमने हासिल की है
जायदाद और संपत्ति हमारी मेहनत का फल
अच्छी औलाद हमारे कर्मों का फल
हर खुशी और प्यार के पीछे हमारे अपने
पर इसमें तुम कहॉ थे??
हॉ , जब- जब दुख आया तो तुमको दोष दिया
तुमको कोसा
   हमारे साथ ही ऐसा क्यों???
पर आज उम्र के इस पडाव पर आकर लग रहा है
हम तो कहीं है ही नहीं
चलाने वाले तो तुम ही हो
अगर तुम चाहो तो पहाड गिरने पर भी जान बच जाय
और न चाहो तो एक कंकड भी जान ले ले
जो कुछ मिला है वह तुम्हारी कृपा से
याद है जब मॉ हार- फूलों की सेवा में नियमित मंदिर जाती थी तो वह बात नागवार गुजरती थी
चाहे घर में कुछ भी हो जाय पर यह मंदिर जाना नहीं छोडती
इतनी शिद्दत से तो हम नौकरी पर भी नहीं जाते जहॉ पैसा मिलता है घर चलाने के लिए
पर यह भूल जाती थी कि यह नौकरी हो या घर
यह तो परमात्मा की ही कृपा है
हम इंसानों की बात पर ध्यान देते हैं  पर जिसने उसे बनाया है उसी को भूल जाते हैं
ईश्वर तेरी लीला अपरंपार है
तू न जाने क्या कराये
पर यह जरूर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखना
हम तो तुम्हारे ही है , हमको मत भूलना
अपनी भक्ति देना तो शक्ति तो अपने आप मिल जाएगी

No comments:

Post a Comment