Sunday 6 November 2022

मन की बात

मैंने उसे अपने मन की बात बताई 
उसने दुनिया भर में फैलाई
जिसने जिसने सुना 
सबने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी
किसी ने खिल्ली उडाई
किसी ने सहानुभूति जताई
किसी ने मुंह बिचकाया 
किसी ने कहा ठीक हुआ
किसी ने नजरअंदाज किया
हाँ उसका समाधान किसी ने न बताया
घाव देकर उस पर मरहम लगाना 
यह बखूबी निभाया 
सबने अलग-अलग नजरों से देखा
समझ न पाया
आखिर यह हुआ क्या
अचानक ऐसा रवैया और बदलाव
बिना कुछ बात चीत के 
मस्तिष्क पर जोर दिया
हाँ कुछ दिन पहले अपने एक हितैषी से
मन की बात कही थी
सुना था मन की बात कहने से मन हल्का हो जाता है
यहाँ तो उल्टा हो गया यार
मन और भी भारी हो गया 


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