Sunday 28 January 2024

कल और कल के बीच में आज

जेकर जड कमजोर ओकर पुलई कैसे मजबूत होई
बचपन में माँ से यह बात सुनी थी
जिस पेड़ का जड ही कमजोर हो उसका तना मजबूत कैसे हो सकता है
बहुत समय लग जाता है
कभी-कभी एक जिंदगी गुजर जाती है
सामान्य रास्ते पर आने के लिए 
गरीब का बेटा गरीब ही रहें यह जरूरी नहीं 
लेकिन गरीबी से अमीरी तक का सफर इतना भी आसान नहीं 
शून्य से शुरूवात
अपने बल पर खडा होना
बहुत कुछ खोता है
जीवन ही कहाँ जी पाता है वह
कर्तव्य और जुगाड़ के चक्कर में चकरघिन्नी सा घूमता रहता है
आने वाली पीढ़ी के लिए करना है कुछ 
अपने लिए नहीं 
ऐसी ही सोच में सब गुजर जाता है
कल और कल के चक्कर में आज फँसकर रह जाता है ।

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